चालो चालां बालाजी रे धाम.....
स्थाई: चालो जी चालो, चालो भाईड़ा रे,
चालो चालां बालाजी रे धाम ॥
सालासर में धाम कहावे,
नर नारी दरसण ने आवे ।
मेवा मिसरी भोग चढ़ावे,
राम नाम धुन सगळा गावे ।
ध्यावे सब संसार, भाईड़ा रे,
चालो चालां बालाजी रे धाम ॥
माँ अंजनी रा लाल दुलारा,
राम सिया रा सेवक प्यारा।
बाला लाल लंगोटी वाला,
निज भक्तां रा है रखवाळा ।
पवन पुत्र हनुमान, भाईड़ा रे,
चालो चालां बालाजी रे धाम ॥
चेत पूनम रो मेळो लागे,
भीड़ घणी भगतां री लागे ।
ढोल नगाड़ा ताशा बाजे,
सूता भाग भगत रा जागे ।
गूंजे जय जयकार, भाईड़ा रे,
चालो चालां बालाजी रे धाम ॥
इण कळजुग में महिमा भारी,
देव बड़ा बाला उपकारी ।
बालाजी री छब है न्यारी,
मूरत लागे सब ने प्यारी ।
शोभा है अपरम्पार, भाईड़ा रे,
चालो चालां बालाजी रे धाम ।।
महिमा दास अशोक सुणावे,
धूप दीप कर ध्यान लगावे ।
हाथ जोड़ अरदास सुणावे,
बालाजी ने शीश नवावे ।
भव सूं कर दो पार, भाईड़ा रे,
चालो चालां बालाजी रे धाम ॥
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