Fakiri Albela Ro Khel Bhajan Lyrics फकीरी अलबेला रो खेल भजन लिरिक्स

फकीरी, अलबेला रो खेल.....

स्थाई: मस्त फकीर फिरे इण जुग में ,

ज्यूं मदछकिया छैल, फकीरी, अलबेलां रो खेल।।

तन की घाणी लाट लगन री, मन रा जोतर बैल।

तमो गुणी तिल पेली रे ओरो, परो कडावो तेल॥

 

कर्म काठरी चिता जलावो, ज्ञान अगन बिच मेल।

पाँचों ने मार पच्चीस वश कर, एक-एक ने तू ठेल॥

 

बंधी पड़िया बन्दी जन रोवे, कुण छुड़ावे गेल।

फकड़ अकड़ कर आगे बढ़िया, तोड़ी जुगत री जेल॥

 

मद पीवे मस्ताना जोगी, माल अडाणे मेल।

'भवानीनाथ' पीवे सो जाणे, इण गुटकी रो खेल॥

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