कद फेरेला माला
दोहा:- आँख में पड़ रया जाला, नाक में बह गया नाला।
लाठी में पड़ रया तेरा पाल, डोकरिया कद फेरेला माळा।।
स्थाई:- अरे कद फेरेला माळा रे डोकरिया कद फेरेला माळा।
थांरा उड़ गया केश काला रे डोकरा, जिवड़ला,
जिवड़ला, कदे फेरसी माळा, जी।।
दीखे नहीं रे अब पड़े बाड़ में, करे माजको बाला।
घर की लुगाई थारो कहणो नी माने, उठे काळजा में झाळां रे।
डोकरिया कद रे फेरेला माळा।।
बूढ़ो हुओ रे हमें लकड़ी पकड़ी, थारां धूजण लागा डाला।
मुखड़ा री शोभा दाँत पड़ गया, खाली रह गया आळा रे,
डोकरिया कद रे फेरेला माळा।।
माया रो तो मोह तो छोडियो नहीं जावे,राखे पेटियों रे ताला।
गाडी रे घोड़ा थारा पंचर वे गया, वटे जावणो पाळा रे,
डोकरिया कद रे फेरेला माळा।।
बेटा ने बेटी थारो कुटुम कबीलो, दिन बारहे रे रोवण वाळा।
तेरहवे दिन बाँटे रे जमीनों, तोड़ तिजोरियों रा ताला रे,
डोकरिया कद रे फेरेला माळा।।
बेटा ने परणाय लायो, घर में विनणियों रा सारा।
कद रे मरेला वाट उडीके, बैठा घर में सारा रे,
डोकरिया कद रे फेरेला माळा।।
हरीराम वैरागी रे बोले, म्हाने लागे राम जी प्यारा।
राम भजन वाली लिगनां रे लागी, उण से ही निस्तारा,
डोकरिया कद रे फेरेला माळा।।
✪✪✪✪✪
यह भजन भी देखे
0 टिप्पणियाँ