नाग देवता, त्राहि माम
स्थाई : विष्णु को शय्या पे सुलाने वाले,
शंकर के गले को सजाने वाले।
नाग देवता, त्राहि माम त्राहि माम,
नाग देवता, त्राहि माम त्राहि माम।।
कोमल कोमल अंग तिहारा, श्याम वरण तेरा लागे प्यारा।
झिलमिल झिलमिल चाल तुम्हारी, आ आ
झिलमिल झिलमिल चाल तुम्हारी,जैसे जमना जल की धारा
शेष हजार फनो वाले, भगतो की लाज बचाने वाले।
विष्णु को शय्या पे सुलाने वाले, शंकर की जटा में छिप जाने वाले।
नाग देवता, त्राहि माम त्राहि माम।।
सोवे बालक रोवे माता, ये कैसा अन्याय विधाता।
ये बालक है तुम पालक हो, आ आ
ये बालक है तुम पालक हो, प्राणदान दो, जीवनदान दाता
शेष हज़ार फनो वाले,भगतो की लाज बचाने वाले।
विष्णु को शय्या पे सुलाने वाले, शंकर की जटा में छिप जाने वाले।
नाग देवता, त्राहि माम त्राहि माम।।
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