बिना नीवन कुन तीरिया
श्लोक:-
ध्यान मुलम गुरु मूरति
पूजा मुलम गुरु पदम्
मंत्र मुलम गुरु रे वाक्यं
मोक्ष मुलम गुरु कृपा |
नीवन बड़ी
संसार में
और नहीं निवे सो नीच |
और नहीं निवे सो नीच |
निवे नदी
रो जुंजलो
वो तो रेवे नदी
रे बीच ||
नीवन
नीवन में फेर हे
मत समझो
एक सम्मान
हो जी
धगा बाज दूना निवे
भाई जीता
चोर कमान ||
आदू आदू
पंथ नीवन पद मोटो -२
बीरा साध
संतो रे वाली क्रिया रे साधो भाई
बिना भजन
कुन तीरिया हे हा || २
अरे
मुलकमल बीच चारो ही चौकी -२
गणपत आसन
धरिया रे साधो भाई
बिना भजन
कुन तीरिया हे हा
हे आदू
आदू पंथ नीवन पद मोटो -२
बीरा साध
संतो रे वाली क्रिया रे साधो भाई
बिना भजन
कुन तीरिया हे हा ||
अरे पेलो
नीवन मारा मात पिता ने
पेलो
नीवन मारा मात पिता ने
उथ्पुत
पालन करिया हे हा
अरे दूजो
नीवन इन धरती माता ने -२
जिन पर
पगलिया धरिया रे साधो भाई
बिना
नीवन कुन
तीरिया हे हा
हे आदू
आदू पंथ नीवन पद मोटो -२
बीरा साध
संतो रे वाली क्रिया रे साधो भाई
बिना भजन
कुन तीरिया हे हा ||
अरे तीजो
नीवन मारा गुरापीरा ने -२
मारा
हिरदय उजाला करिया हे हा
अरे गणो
नीवन इन सतरी जाजम ने -२
जिनमे
जाय सुधरिया रे साधो भाई
बिना भजन
कुन तीरिया हे हा
हे आदू
आदू पंथ नीवन पद मोटो -२
बीरा साध
संतो रे वाली क्रिया रे साधो भाई
बिना
नीवन कुन
तीरिया हे हा ||
हो नीवन
करू मारा ज्योति सरूपी ने
होय
इन्दर हो लरिया जी
अरे इमरत
बंधा बरसन लागी वो -२
बीरा मान
सरोवर भरिया वो साधो भाई
बिना
नीवन कुन तिरिया जी ||
हे आदू
आदू पंथ नीवन पद मोटो -२
बीरा साध
संतो रे वाली क्रिया रे साधो भाई
बिना
नीवन कुन
तीरिया हे हा ||
अरे भव
सागर बीच अथन्ग जल भरियो
रे बीरा -२
घना तो डूबा
ने थोड़ा तिरिया जी
अरे गुरु
शरणे माली लिखमोजी बोले वो
बीरा भूल
भरम सभ टलिया
वो साधो
भाई बिना भजन कुन तिरिया जी
हे आदू
आदू पंथ नीवन पद मोटो -२
बीरा साध
संतो रे वाली क्रिया रे साधो भाई
बिना
नीवन कुन
तीरिया हे हा ||
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