गाइए गणपति जग वंदन ......
दोहा : मात गवरजा आपरी , जग रा पालनहारा।
सुखकारी
सब लोक ने ,थांरो ही आधार।।
स्थाई : गाइए गणपति जग वंदन , शंकर सुवन भवानी के नंदन।।
सिद्धि सदन गज वदन विनायक ,कृपा
सिन्धु सुन्दर सब लायक।।
मोदक प्रिय मुद में मंगल का दाता , विधा वारिधि बुद्धि प्रदाता।।
मांगत तुलसीदास लार जोरी , बसहुँ
राम सिय मानस मोरी।।
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