मात-पिता को लाखों प्रणाम.....
स्थाई:- नाम है जिनका जग आधारा, मात पिता को नमन हमारा।
जग में सुन्दर है दो नाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
मात-पिता का प्यारा वो ही, नित उठ ध्यान धरे जो कोई।
चरणों में समझे चारों धाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
मात-पिता की सेवा भक्ति, भव बंधन से देती मुक्ति।
नाम हो मन में आठों याम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
प्रथम गुरु माँ बाप हमारे, गुरु चरणों में हमको उतारे।
सकल सिद्ध करते प्रणाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
हमको सच्ची राह बतायें, बन के गुरु हर ज्ञान सिखाएं।
अमृत रास सा देते ज्ञान, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
मात-पिता बिन दुनियाँ कैसी, पानी के बिन दरिया हो जैसी।
ज़रा नहीं एक पल आराम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
मात-पिता बिन कौन खिवैया, जग सागर हम छोटी नैया।
तारणहारे है ये नाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
हर एक रिश्ता हर एक नाता, मात-पिता के बाद ही आता।
चरणों में है सब का मकान, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
मात-पिता की करके सेवा, मिलती है भक्ति की मेवा।
ये ही राधा ये ही श्याम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
किस्मत बदले पल में तुम्हारी, मात-पिता की सेवा ज्यां री।
कटते कष्ट रोग तमाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
साधू सज्जन ऋषि-मुनि ज्ञानी, मात-पिता की महिमा बखानी।
गाते महिमा सुबहो-शाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
आँचल छाया बाँहो का झूला, नादां है जो उनको भुला।
याद रखो ये प्यारे नाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
जब-जब छाए घोर अंधेरा, मात-पिता दिखलाए संवेरा।
घिरे ना दुख की काली शाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
नाम अमर है श्रवण कुमारा, सेवा कर परलोक संवारा।
चारों ही दिखलाए धाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
प्रभु राम या मोहन प्यारे, मात-पिता को मन में धारे।
उनको आज्ञा से करे काम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
सुख दुख में जो सच्चे साथी, दीपक मात-पिता हम बाती।
होठों पर रहे हरदम नाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
तन मन अपना बना के मन्दिर, मात-पिता को रख लो अन्दर।
पूजा करे हम आठो याम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
हिन्दू जैन या सिख ईसाई, मात-पिता है सबके सहाई।
सबके अन्दर इनका धाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
वो अज्ञानी कुछ ना जाने, मात-पिता की जो बात ना माने।
जीवन में ना पाये मुकाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
शीतल पावन निर्मल छाया, मात-पिता में हर सुख पाया।
जग में है ये चर्चा आम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
कैसे महिमा इनकी गाऊँ , इनकी कृपा का पार ना पाऊँ।
देव भी तरते लेकर नाम, मात-पिता को लाखों प्रणाम।।
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