हे गोविन्दा गोपाला (धुन:- जहाँ डाल डाल पर)
स्थाई:- इस पापी युग में गौ माता का, कोई नहीं रखवाला।
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला।।
जो सबको दूध पिलाती है, उसका ही खून बहाया।
धिक्कार है उसको जिसने माँ का, माँस नोच कर खाया।
जो सबको जीवन देती है, उसका ही वध कर डाला।
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला।।
अब गली-गली मैं फैल रहे, गऊ माता के हत्यारे।
हे कान्हा कान लगाकर सुन लो, माता तुम्हें पुकारे।
प्रभु आप बिना इस करुणा स्वर को, कौन है सुनने वाला।
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला।।
है नन्द बाबा की आन तुम्हें, सौगन्ध यशोदा माँ की।
परित्राण करो गौधन का फिर से, सझे मनोहर झाँकी।
गऊ हत्यारों का दमन करो, या दे दो देश निकाला।
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला।।
श्री गीता में जो वचन दिया था, उसको आज निभाओ।
अब बंशी तोड़ो रास भी छोड़ो, हाथ में चक्र उठाओ।
वरना न रहेगा मन्जुल तुमको, कोई भजने वाला।
हे गोविन्दा गोपाला, हे गोविन्दा गोपाला।।
✽✽✽✽✽
यह भजन भी देखे
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृंदावन बिहारी Fulo Me Sajh Rahe Hein Shree Vrandavan Bihari
Maharaj Gajanand Aawo महाराज गजानंद आवो
Punam ki He Raat पूनम की है रात
Kalo ke Mahakal Kehwawo कालो के महाकाल केवावो
Kamar Kasi Talwar Dhaadwi कमर कसी तलवार धाड़वी
CLOSE ADS
CLOSE ADS
0 टिप्पणियाँ