महाराज गजानंद आवो मारी सभा में रंग बरसावो
चियेथ
गजानंद गणपति तो गणनायक गणराज
रिद्धि
सीधी सहित पाधरजो ने मारा पुरण कर्जो काज |
सदा
भवानी दाहिनी तो सन्मुख रहेत गणेश
देवी
देवता रक्षा करो श्री ब्रह्मा विष्णु महेश |
सुंडाला
दुःख भंजना तो सदा जी बाल ही भेष
अरे सारू
पहला सिवरिये श्री गवरी नन्द गणेश |
पहला
किन् ने मनावियो ने किनरा लहिजे नाम
मात पिता
गुरु आपना बीरा पलक पुरुष रो नाम |
पलक
पुरुष निर्वाण हे तो भाई जारी लिखे नहीं कोई
जारी तो
बीरा वो लिखे जो उन घर का होइ |
उन घर का
हुआ तो क्या हुआ ने तखत तलेरा होइ
सकत तले
रा सुरमा बीरा भजन विवेक होइ
भजन
विवेकि पारखु ने मारे सिर माथे रा मोड |
ने सभ
संताने बन्दगी अपनी
अपनी ढोड़
स्वर बिन
मिले नहीं सरस्वती और गुरु बिन मिले नहीं ज्ञान
अन्ह
बिना हंसा उड चले तो बीरा जल बिना तजदे प्राण |
स्वर दो
मया सारदा ने गुरूसा दो माने ज्ञान
अन्ह दो
माता धरतरी तो मेह बरसो नी भगवान
सरस्वती
मया को मनायके में गणपति धयान धरा
और
सतगुरु की आज्ञा पायके फिर में भजन करा |
हे
महाराज गजानंद आवो मारी सभा में रंग बरसावो
हे गणराज
विनायक आवो मारी सभा में
रंग बरसावो
हे सभा
में रंग बरसाओ नी गजानंद आज सभा में वेगा आवो
हे
महाराज गजानंद आवो मारी सभा में रंग बरसावो | 2
हे रणक
भवन सु आवो गजानंद संग में रिद्धि सीधी लावो
हंस री
सवारी बाबा पधारो संग में रिद्धि सीधी लावो
हे
महाराज गजानंद आवो मारी सभा में रंग बरसावो | 2
ब्रह्माजी
पधारो देवा विष्णु जी पधारो
हे संघ में
सरस्वती लावो | 2
महाराज
गजानंद आवो मारी सभा में रंग बरसावो | 2
बेल री
सवारी भोला नाथ जी पधारो
संघ में
पारवती ने लावो
नंदी
असवारी बाबा शंकर जी आवो
संघ में
गवारा ने लावो |
हे गणराज
विनायक आवो मारी सभा में रंग बरसावो || 2
सिंह री
सवारी माँ जोग माया आवो
संघ में
काला गोरा लावो | 2
हे
महाराज गजानंद आवो मारी सभा में रंग बरसावो | 2
रामा
सामा आवजो ने ओ कलजुग भयो करू
में अरज
करू अजमाल रा ने हेलो शाम्भल जो हजूर |
लीले री
असवारी बाबा रामदेवजी पधारो
संघ में नेतल
रानी लावो |
लीले री असवारी
बाबा रामदेवजी आवो
संघ में नेतल
रानी लावो |
हे महाराज गजानंद आवो मारी
सभा में रंग बरसावो |
2
हे बाई
मीरा गावे वा तो गणपत रा गुण
चरना माहि
चित लावो | 2
हे
महाराज गजानंद आवो मारी सभा में रंग बरसावो | 2
मेरे
हिर्दय करो प्रवेश जी मेरे काटो सकल कलेश जी | 2
तेरी जय
जय जय हो गणेशजी | 2
हो पान
सिंधुर चढ़े गजमुखी को
भगतो के
काटे सभी दुःख को
होवे
पूजा देश विदेश जी
तेरी जय
जय जय हो गणेशजी | 2
ॐ गण
गणपतये नमो नमः
श्री
सिद्धिविनायक नमो नमः
अष्ट
विनायक नमो नमः
श्री
गणपति बप्पा मोरिया | २
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1 टिप्पणियाँ
Anubhav Vani v buakti mhima
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