थारोड़ो सायेबो बता, ओ तोला राणी......
ज्यूं मेहंदी के पात में, लाली रही छुपाय।।
सायब तुझमें यूं बसे, ज्यूं तिल्ली में तेल।
ज्ञान जी घाणी फिराय के, देख ले इसका खेल।।
स्थाई:- थारोड़ो सायेबो बता, ओ तोला दे राणी, थारोड़ो सायेबो बता।
इण रे सायब में म्हारो मन लागो राम अलख धणी।।
हिरणा चरे वन माँय, ओ जैसल राजा, हिरणा चरे वन माँय।
इण रे हिरणा में नहीं सायबो राम अलख धणी।।
हिरणा जोया वन माँय, ओ सती राणी, हिरणा जोया वन माँय।
इण रे हिरणा में नहीं सायबो राम अलख धणी।।
मोरला चुगे वन माँय, धाडेचा राजा, मोरला चुगे वन माँय।
इण रे मोरला में म्हारो सायबो राम अलख धणी।।
मोरला जोया वन माँय, तोला दे राणी, मोरला जोया वन माँय।
इण रे मोरला में नहीं सायबो राम अलख धणी।।
पूरब पश्चिम रे माँय, धाडेचा राजा, पूरब पश्चिम रे माँय।
पूरब पश्चिम में सायबो आवसी राम अलख धणी।।
पूरब पश्चिम रे माँय, ओ सती राणी, पूरब पश्चिम रे माँय।
सायब आया ने जैसल उंगियो राम अलख धणी।।
कपडा धोवा ने जाय, ओ जैसल राजा, कपडा धोवा ने जाय।
सामी मिलिया रे भाई बंध पूछियो राम अलख धणी।।
कठा ती लायो एक नार, धाडेचा राजा, कठा ती लायो एक नार।
जाति-पाति री म्हाने खबर नहीं राम अलख धणी।।
चालो दरिया रे माँय, ओ जैसल राजा, चालो दरिया रे माँय।
सती उबा ने जैसल डूबियो राम अलख धणी।।
चाल्या दरिया रे माँय, ओ सती राणी, चाल्या दरिया रे माँय।
सायब आया ने जैसल तारियो राम अलख धणी।।
थारोड़ो सायेबो बता, ओ तोला दे राणी, थारोड़ो सायेबो बता।
इण रे सायब में म्हारो मन लागो राम अलख धणी।।
बोल्या तोला दे नार, ओ जैसल राजा, बोल्या तोला दे नार।
जैसल ने तार तोरल तर गया राम अलख धणी।।
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