दोहा : सदा भवानी दायनी,सन्मुख रहत गणेश।
देवी देवता रक्षा करो, ब्रह्मा विष्णु महेश।।
सुंडाला दुःख भंजना, सदा निवाला वेश।
सारो पहला सुमरिये , गवरी नन्द गणेश।।
स्थाई : में थाने सिंवरू गजानन देवा , ओ विनायक देवा।
म्हारे वचनो रा पालनहारा जी।
सरस्वती मात देवी शारदा ने सिंवरू ,
म्हारे हिरदा में करो उजियाला जी।
म्हारे हिरदा में करो उजियाला जी।
निंदरा निवारो भोलानाथ ने।।
पाणी सूं पतलो, पवन सूं झीणो , शोभा वरणी नहीं जावे जी।।
हाथ घालू तो हिरलो हाथ नहीं आवे, मुठियाँ में नहीं रे समावे जी।।
म्हारे पथ रे बाना वाली रखो जी ।।
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