रुणझुण बाजे घुंघरा.....
दोहा:- रुणझुण बाजे घुंघरा, लीले रा असवार।
दुखियाँ ने सुखियाँ करो, महिमा अपरम्पार।।
स्थाई:- रुणझुण बाजे घुंघरा, घोड़े रा बाजे पोड़ जी।
लीले री असवारी आवे,
आवे रामापीर जी, जियो जियो।।
अरज करुँ अजमाल रा, साधां तणी पुकार जी।
राम सरोवर आप रो जी,
अलख तणो उपकार जी, जियो जियो।।
कोई दूरा देशां रा जातरूं, थारो मेलो भरे भरपूर जी।
दुखियाँ ने सुखियाँ करो रामा,
मुख पर बरसे नूर जी, जियो जियो।।
कोई पिछम धरा रे मारगां, एक अलबेलो असवार जी।
लिलो हीसे धरती धूजे,
लुळ लुळ करे जवार जी, जियो जियो।।
कोई हरजी भाटी री वीणति, बाबा थे मारा मायर बाप जी।
नुगरां ने सुगरा करो रामा,
घट में बरसे नूर जी, जियो जियो।।
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