स्थाई :- दरगाह में अरजी सुणावां, रूणिचा वाला रामदेव पधारो।
रामदे
पधारो म्हारा पीर जी पधारो।
चौखट पे शीश नामावां, रूणिचा वाला रामदे पधारो।।
चौखट पे शीश नामावां, रूणिचा वाला रामदे पधारो।।
द्धारका का रा नाथ बाबा, आप कहावो।
भगतां रा दुखड़ा थे तो, पल में
मिटावो।
दीनबंधु हो दयावाला, रूणिचा
वाला रामदे पधारो।।
बाणिया रो हेलो सुण ने, पग पाला आया।
बेड़ो लगायो पार, प्राण
बचाया।
साँचा धणी हो रुखाला, रूणिचा
वाला रामदे पधारो।।
लखी बिणजारो थारो, पर्चो हे पायो।
मिसरी रो पल में माधव, लूण
बणायो।
मोटा हो लीले घोड़े वाला, रूणिचा
वाला रामदे पधारो।।
मक्का सूं पीर थाने, परखण आया।
कटोरा तो भोजन वाला, लारे भूल
आया।
पल में थे कटोरा मंगाया, रूणिचा
वाला रामदे पधारो।।
दास अशोक बाबा, अर्जी सुणावे।
चरणां री चाकरी में, सब सुख
पावे।
तोड़ो भवबंधन वाला ताला, रूणिचा
वाला रामदे पधारो।।
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