दोहा: आज गुरूजी आवजो, पूनम की है रात।
प्रेम
बादल उमड़ीया, आनन्द की बरसात।।
स्थाई: पूनम की है रात गुरूजी आज थाने आणो है।
पूनम की है रात पीपाजी आज थाने आणो है।
बेड़ो पार लगाणो है, पूनम की है रात।।
धाम समदड़ी में, मिन्दर
है मोटो, पीपाजी आपरो।
नाम है साँचो, कलजुग
में गरुजी, है थारो आसरो।
हो गागरोन गढ़ में, ध्यान सब ही लगायो है।
दूर दूर
सूं, सगळां ही आवे, करे नीत ध्यान वे।
उपदेश
अहिंसा रो, सब ने दिखलायो, हिंसा ना जीव ले।हो सगळां
सुणजो थे, चोखी सीख आ दिराई है।।
क्षमा
हिरदा में राख, सत ने ना बिसराव, जुगत ने देख ले।
जिवणो
दोरो है, नाव भंवर में, जीव तू चेत ले।
हो मन सु
भज लो राम, भवसागर तीर जाणो है।।
अज्ञान
मिटा दीजो, ज्ञान दे दीजो, भगत रा आसरा।
चरणां
में लीजो, दर्शन दे दीजो, हो नाथ मारा।
हो सतसंग
में थारी, दैया रतन आज गावे है ।।
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