भगत के वश में है भगवान (धुन:- आज मेरे यार की शादी)
स्थाई:- भगत के वश में है भगवान, भगत के वश में है भगवान।
भक्त बिना ये कुछ भी नहीं है, भक्त है इसकी शान।।
भगत मुरली वाले की, रोज वृन्दावन डोले।
कृष्ण को लल्ला समझे, कृष्ण को लल्ला बोले।
श्याम के प्यार में पागल, हुई वो श्याम दिवानी।
अगर भजनों में लागे, छोड़ दे दाना पानी।
प्यार करन वो लागी उससे, अपने पुत्र समान।
भगत के वश में है भगवान, भगत के वश में है भगवान।।
वो अपने कृष्ण लाला को, गले से लगा कर रक्खे।
हमेशा सजाकर रक्खे, के लाड़ लड़ाकर रक्खे।
वो दिन में भाग के देखे, रात में जाग कर देखे।
कभी अपने कमरे से, श्याम को झाँक कर देखे।
अपनी जान से ज्यादा राखती, अपने लला का ध्यान।
भगत के वश में है भगवान, भगत के वश में है भगवान।।
वो लल्ला पुकारे, हाय क्या जुल्म हुआ रे।
बुढ़ापा बिगड़ गया जी, लाल मेरा कैसे गिरा रे।
जाओ डॉक्टर को लाओ, लाल का हाल दिखाओ।
अगर इसको कुछ हो गया, मुझे भी मार गिराओ।
रोते-रोते पागल हो गई, घर वाले परेशान।
भगत के वश में है भगवान, भगत के वश में है भगवान।।
नबज को टटोल के बोले, ये तेरा लाल सही हे।
कसम खाकर कहता हूँ, कोई तकलीफ नहीं है।
वो माथा देख के बोले, ये तेरा लाल सही है।
माई चिन्ता मत करियो, कोई तकलीफ नहीं है।।
ज्योहिं सीने से लगाया, और डॉक्टर चकराया।
धड़क रहा सीना लल्ला का, मूर्ति में थे प्राण।
भगत के वश में है भगवान, भगत के वश में है भगवान।।
देखे तेरे लाल की माया, बड़ा घबरा रहा हूँ।
जहाँ से तू लल्ला लाई, वहीं पे जा रहा हूँ।
लाल तेरा जुग-जुग जीये, बड़ा अहसान किया है।
बनवारी तेरी माँ नहीं पागल, पागल सारा जहान।
भगत के वश में है भगवान, भगत के वश में है भगवान।।
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