Santh Padhare Panwana Mhari Heli Bhajan Lyrics संत पधारे पांवणा महारी हेली भजन

संत पधारे पांवणा महारी हेली..... 


स्थाई:- संत पधारे पांवणा महारी हेली, ज्यां रा मोटा भाग। 
सती करे ज्यां री सेवना म्हारी हेली, ज्यां रा अमर सुहाग।।

संत चले जिण धरम में म्हारी हेली, होवे उत्तम भोम। 
वा रंजि जिण ने मिले म्हारी हेली, तिर जावे सब कोय।।

भाग बिना नहीं मिल सके म्हारी हेली, वां संतां रा पाँय। 
हित चित से सेवा करो म्हारी हेली, आवागमन मिट जाय।।

तीन मनुष बैठा चौवटे म्हारी हेली, वां तक आवे संत। 
एक जणो चरणां पड्यो म्हारी हेली, संत बतायो संत।।

जोय रया निरभागिया म्हारी हेली, जाण्यो नहीं परभाव। 
रामकृष्ण भणे ज्ञान सूं म्हारी हेली, संत दर्श को चाव।।
                                ✽✽✽✽✽     

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