Mera Shankar Tripurari Shiv Hindi Bhajan Lyrics मेरा शंकर त्रिपुरारी सारे जग से निराला है

मेरा शंकर त्रिपुरारी सारे जग से निराला है

मेरा शंकर त्रिपुरारी सारे जग से निराला है

कैलाश का वासी है वो तो डमरू वाला है....

 

मस्तक सोहे चंदा और जटा में गंगा है

तन पर भागम्भर है गल सर्पो की माला है

मेरा शंकर त्रिपुरारी सारे जग से निराला है....

 

योगी है भोगी है वो भस्म रमाता है

भूतो का नाथ है वो पीता भंग प्याला है

मेरा शंकर त्रिपुरारी सारे जग से निराला है....

 

पी कर के विष जिस ने श्रृष्टि को तारा है

वही नील कंठ योगी क्या रूप वो आला है

मेरा शंकर त्रिपुरारी सारे जग से निराला है....

 

मुक्ति का दाता है भण्डार वो भरता है

माया का पार नही जग का प्रतिपाला है

मेरा शंकर त्रिपुरारी सारे जग से निराला है....

भजन लिरिक्स :- मेरा शंकर त्रिपुरारी

सिंगर :- चेतना 

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