Abh Kahi Soch Kare Re Manwa Bhajan अब काँहि सोच करे रे मनवा

अब काँहि सोच करे रे मनवा

स्थाई :-  अब काँहि सोच करे रे मनवा ,अब काँहि सोच करे। 
गुरुदेव करे सो होय रे मनवा अब काँहि सोच करे।।
अब काँहि सोच करे मन मूरख काँहि मत सोच करे। 
गुरुदेव करे सो होय रे मनवा अब काँहि सोच करे।।

सतगुरु आगे निवण करां , म्हारे सिर पर हाथ धरे । 
कुकर्मा ने परा हटावे, भाव सूं पार करे ,
भाई रे मारा भव सूं पार करे,
गुरुदेव करे सो होय रे मनवा अब काँहि सोच करे।।




सतगुरु दाता चौपड़ राली, सोलह सार सरे। 
जीतण वाला जीत गया जी भूल्या भटक फिरे ,
भाई रे मारा भूल्या भटक फिरे
गुरुदेव करे सो होय रे मनवा अब काँहि सोच करे।।

काया  नगर री अजब कोठडी , मनवो राज करे।।
कहत कबीर सुणो भाई संतो , गुरु बिन नाँय फिरे ,
भाई रे मारा गुरु बिन नाँय फिरे
गुरुदेव करे सो होय रे मनवा अब काँहि सोच करे।।
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