|| भजन मेहंदी रची हाथा में ||
मेहँदी रची थारे हाथा में
घुल रयो काजल आंख्या में ,
चुनरी रो रंग सुरंग मारी चामुंडा माँ ।। २
अरे चाँद उग्यो ओ राता में ,
फूल उग्यो रण बागा में,
अरे चाँद उग्यो ओ राता में,
फूल उग्यो रण बागा में,
फूल उग्यो रण बागा में,
थारो इतो सुहानो रूप मारी चामुंडा माँ
मेहँदी रची थारे हाथा में,,,,,,,,ओ हो हो हो हो ।
अरे रूप सुहानो जद सु देखियो
नींदड़ली नहीं आंखिया ने ,
भूल गयी सभ कामा ने ,,ओ हो हो हो हो
याद करू थारा नामा ने
माया रो छूटो संग भारी चामुंडा माँ
मेहँदी रची थारे हाथा में,,,,,,,,ओ हो हो हो हो ।
मेहँदी रची थारे हाथा में,,,,,,,,ओ हो हो हो हो ।
अरे आवो जी आवो मारा माताजी थे पावना
हो मनड़ा री बात सुनाया सरसी
हो मनडे रो दुखडो मिटानो सरसी
आवो जी आवो मारा माताजी थे पावना -२
आवो जी आवो मारा माताजी थे पावना -२
हो थे केवो तो माताजी में नथनी बनजाउ
नथनी बनजाउ थारा मुखड़ा पे रमजाउ -२
बोर गुथाऊ थारा माथा पे,
चुडलो मँगाउ थारा हाथा में,
चुडलो मँगाउ थारा हाथा में,
बन जाऊ बाजूबंद मारी चामुंडा माँ ।।
हो थे केवो तो माताजी में पायलड़ी बन जाऊ,
पायलड़ी बनजाउ,थारा चरणा में रमजाउ,
फूल बिचाऊ थारा पावा में,
नित नित दर्शन आवा में,
नित नित दर्शन आवा में,
हो नैना में करलू बंद मारी चामुंडा माँ ।।
मेहँदी रची थारे हाथा में
घुल रयो काजल आंख्या में ,
घुल रयो काजल आंख्या में ,
चुनरी रो रंग सुरंग मारी चामुंडा माँ ।।
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