जगदम्बा थारा नाम हजार (धुन:- हरि था नाम हजार )
स्थाई:- जगदम्बा थारा नाम हजार, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।
नवदुर्गा रा नाम हजार, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।
कुंकुंपत्री रे माता प्रेम पत्री, कुंकुंपत्री रे माता कागद पत्री।।
स्थाई:- जगदम्बा थारा नाम हजार, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।
नवदुर्गा रा नाम हजार, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।
कुंकुंपत्री रे माता प्रेम पत्री, कुंकुंपत्री रे माता कागद पत्री।।
जगदम्बा रा.....नवदुर्गा रा....जगजननी रा,
नाम हजार, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
कोई केवे सुंधा माता, कोई केवे करणी माता।
अरे कोई केवे जोगणियाँ मात, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
कोई केवे सांभर माता, कोई केवे तनोट माता।
अरे कोई केवे आशापुरी ए माँय, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
कोई केवे भवाल माता, कोई केवे सचियाय माता।
अरे कोई केवे काळका मात, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
कोई केवे आई माता, कोई केवे शीतला माता।
अरे कोई केवे चामुण्डा मात, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
बाबू पंवार महिमा सुणावे, मोइनुद्दीन जुगत सूं गावे।
अरे राखो म्हाने चरणां माँय, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
✽✽✽✽✽
नाम हजार, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
कोई केवे सुंधा माता, कोई केवे करणी माता।
अरे कोई केवे जोगणियाँ मात, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
कोई केवे सांभर माता, कोई केवे तनोट माता।
अरे कोई केवे आशापुरी ए माँय, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
कोई केवे भवाल माता, कोई केवे सचियाय माता।
अरे कोई केवे काळका मात, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
कोई केवे आई माता, कोई केवे शीतला माता।
अरे कोई केवे चामुण्डा मात, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
बाबू पंवार महिमा सुणावे, मोइनुद्दीन जुगत सूं गावे।
अरे राखो म्हाने चरणां माँय, कैसे लिखूं कुंकुंपत्री।।
✽✽✽✽✽
यह भजन भी देखे
0 टिप्पणियाँ