स्थाई:- गणपत सुरसत शारद सिंवरूँ , दीजो अनुभव वाणी।
परसत परसत पीर परसिया, परसी
पीरो री निशाणी,
संतो ! गुरु मिलिया ब्रह्मज्ञानी।।
ज्ञान सुणावे कियो हरी नेड़ो, बात आगम री जानी रे,
संतो ! गुरु मिलिया
ब्रह्मज्ञानी।।
दिल में दरसिया प्रेम में
परसिया, सतगुरां री सेलाणी।
अगम निगम रा भेद बताया, आद जुगत ओळखाणी रे,
संतो ! गुरु मिलिया
ब्रह्मज्ञानी।।
अल्लाह खुदा अलख निरंजन, निराकार निर्वाणी।
हरदम हेर घेर घर लावो, मिली आ तो संत री निशाणी रे,
संतो ! गुरु मिलिया
ब्रह्मज्ञानी।।
गुरु अवधूता पूरा मिलिया, गुरु मिलिया गम जाणी रे।
कहे हेमनाथ सुनो भाई संतो, सुरता सहज समाणी रे,
संतो ! गुरु मिलिया
ब्रह्मज्ञानी।।
❂❂❂❂❂Fakiri Jivat Dhukhe Massan फकीरी जीवत धूके मसाण
Shani Dev Katha शनि देव की कथा
Naath Niranjan Aarti Saajhe नाथ निरंजन आरती साजे
Bata Mete Yaar Sudama Re Bhajan Lyrics बता मेरे यार सुदामा रे
Maharaj Gajanand Aawo महाराज गजानंद आवो
CLOSE ADS
CLOSE ADS
1 टिप्पणियाँ
Super
जवाब देंहटाएं