जिवड़ा अमल कालजे लागो
स्थाई:- आज म्हारो मनड़ो हुआ वैरागी, उठे सवारणो वेगो रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
घर वाली ने हेलो मारियो, देवे नी लोटो आगो रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
घर वाली ने हेलो मारियो, देवे नी चुतियो आगे रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
अलिये गलिये फिरे भटकतो, करे अमल ने आगो रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
जाय अमल्यो में नीचो रे बैठो, गोडों रे बिच में माथो रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
एक हथेली, दूजी हथेली, तीजी पीवण लागो रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
हाड गले ज्यों रा माँस गले रे, डगमग डगवा लागो रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
गाडो बेचियो ने बलद बेचियो, घर ने बेचण लागो रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
कहत कबीर सुणो भाई साधो, अमल राखजो आगो रे,
जिवड़ा ! अमल कालजे लागो।।
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