काया ने सिणगार कोयलियाँ.....
स्थाई:- काया ने सिणगार कोयलियाँ,
पर मण्डली मत जाइजो ए।
पर मण्डली रा नहीं रे भरोसा,
अध बिच में रूल जावो ए।
काया ने सिणगार कोयलियाँ,
ॐ ॐ हरिओम।।
गहरो फूल रोहिड़ा रो कहिजे,
वे फूलड़ा मत लाइजो ए।
थोड़ा फूल घणा कर मानो,
फूल हजारी गुल लाइजो ए।।
खारे समद रो खारो पाणी,
वो पाणी मत लाइजो ए।
थोड़ो नीर घणो कर मानो,
नीर गंगाजल लाइजो ए।।
पिछम भोम में उभो खेजड़ो,
उण छाया मत जाइजो ए।
उतर-दखण रो बाजे बायरो,
काँटा में रूल जावो ए।।
बाई मीरां री भजन मण्डली,
उण मण्डली भल जाइजो ए।
उण मंडली रा खरा रे भरोसा,
डूबत ड़ी तिर जावो ए।।
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