शरणे आयों री देवी लज्या.....
स्थाई:- शरणे आयों री देवी लज्या राखजो।
राखो नी छतर वाली छायां, म्हारी जरणी जोगमाया।।
सोना रूपा री थारे ईटों पड़ाऊँला, थारो देवलियो चुणाऊँला।
म्हारी जरणी जोग माया।।
मोती मूंगिया अंतर मंगाऊँला, सोवन कलश पुराऊँला।
म्हारी जरणी जोग माया।।
कुंकुं केशर री गार घलाऊँला, थारो देवलियो निपाऊँला।
म्हारी जरणी जोग माया।।
गोरी गाय रो घिरत मंगाऊँला, दिवले री जोत जलाऊँला।
म्हारी जरणी जोग माया।।
साधु संत थाने भेला करे ने, जागण जोर दिराऊँला।
म्हारी जरणी जोग माया।।
दोय कर जोड़ राजा मानसिंह बोले, शरणां शीश झुकाऊँला।
म्हारी जरणी जोग माया।।
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