Das Gayo Kalo Beri Bhajan Lyrics डस गयो कालो बैरी

डस गयो कालो बैरी..... 

स्थाई:- डस गयो कालो बैरी, कँवर रोहितास ने। 
हियो भर आवे बेटा, देखूँ थारी लाश ने।

फुलड़ा तोड़ण ताँहि, लालो गयो बाग़ में। 
डस गयो कालो बैरी, गोरा-गोरा हाथ में।
जुलम कियो रे बैरी, डस गयो लाल ने।

बोलो रे बोलो बेटा, मुखड़े तो बोलो रे। 
माता थारी रोवे बेटा, आँखिया तो खोलो रे। 
दु:खड़ो लिखियो रे बेटा, थारे म्हारे भाग में।।

लाश को लेकर राणी, शमशान आई। 
अपने हाथों से राणी, चिता चुणाई। 
इतने में हरिशचन्द्र, रोक दीनी लाश ने।


पहले तो राणी, करजो चुकावो। 
पीछे कँवर की राणी, लाश जलावो। 
कर्जो नहीं तो राणी, लेजा रोहितास ने

कहता है राजा, सुन ले है राणी। 
मैं तो भंगी के घर, भरता हूँ पाणी। 
पैसा नहीं तो राणी, लेजा थारे लाल ने

आधी साड़ी सूं राणी, कफ़न बनायो। 
आधी साड़ी राणी, कर्जो चुकायो।  
कर्जो चुकाकर राणी, फूंकण लागी लाश ने 

नील गगन से फुलड़ा बरसे। 
एक कँवर ताँहि, राजा राणी तरसे। 
नैनूराम छन्द गावे, प्रभु तेरी आस में
                    ✽✽✽✽✽

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