|| देवलिये रमजाय भवानी चौसठ जोगणी ||
देवा में देवी बड़ी और बड़ी
जगदम्बे माँ
हाथ जोड़ में अरज करू , मया कीजो
मारी सहाय
कीजो मारी सहाय, शरण में
आयो तेरी ,
हे जगदम्बे महारानी माँ, लाज रख
दीजो मारी ।।
देवलिये रमजाये भवानी,मारे
आंगनिये रमजाये
चौसट जोगणी रे भवानी देवलिये रमजाये
चौसट जोगणी रे भवानी देवलिये रमजाये
घूमर घालणी रे भवानी
मिन्दरिये रमजाये ।।
हंस सवारी कर जगदम्बा , ब्रह्मा
रो रूप बणायो
ब्रह्मा रो रूप बणायो मारी
माता, ब्रह्मा
रूप बणायो
चार वेद मुख चार बिराजे, चारा रो
जस गायो ।
घूमर घालणी रे भवानी देवलिये रमजाये ।।
घूमर घालणी रे भवानी देवलिये रमजाये ।।
गरुड़ सवारी कर जगदम्बा, विष्णु
रो रूप बणायो
विष्णु रो रूप बणायो मारी माता ,विष्णु
रूप बणायो
गदा पदम् संग चक्र बिराजे, मधुबन
बिन बजायो ।
घूमर घालणी रे भवानी देवलिये रमजाये ।।
घूमर घालणी रे भवानी देवलिये रमजाये ।।
बेल सवारी कर जगदम्बा, शिवजी रो रूप
बणायो
शिवजी रो रूप
बणायो मारी माता, शिवजी रूप
बणायो
जटा मुकुट में गंगा बिराजे, शेष नाग
लिपटायो।
घूमर घालणी रे भवानी
देवलिये रमजाये ।।
सिंह सवारी कर जगदम्बा, शक्ति रो रूप
बणायो
शक्ति रो रूप
बणायो, देवी शक्ति
रूप बणायो
सियाराम थारी करे स्तुति, तुलसीदास
जस गायो ।
हे घूमर घालणी रे भवानी
देवलिये रमजाये ।।
चौसट जोगणी रे भवानी
देवलिये रमजाये
घूमर घालणी रे भवानी
मिन्दरिये रमजाये ।।
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