Gurasa Abh Thodi Mehar Karo Bhajan गुरोंसा, अब थोड़ी मेहर करो




गुरोंसा, अब थोड़ी मेहर करो रे 

स्थाई:- कायर जिवडो कोपे मन माँयलो, सिर पर हाथ धरो रे। 
             गुरोंसा, अब थोड़ी मेहर करो रे।।

लख चौरासी भटकत भटकत, नवी-नवी जूण धरो रे। 
अब के आयो शरण आपरे, अब कोई कोप करो रे,
गुरोंसा, अब थोड़ी मेहर करो रे।।

डरियोड़ा जीव ने धिरप कर राखो, पल में पार करो रे। 
आप बिना चौरासी कुण मेटे, करोड़ उपाय करो रे,
गुरोंसा, अब थोड़ी मेहर करो रे।।



पारस देख लोहा रो मन ललसे, करमों रो कीट जरो रे। 
तावे ने सोनो करो सोलमो, कंचन माल करो रे,
गुरोंसा, अब थोड़ी मेहर करो रे।।

रामानन्द रिपोट लिख दीनी, दुर्ग में पेश करो रे। 
कहे कबीर सुनो भाई साधु, भवसागर पार करो रे,
गुरोंसा, अब थोड़ी मेहर करो रे।।
                              ❂❂❂❂❂

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