तूने मुझे बुलायां शेरां वालीए....
स्थाई: तूने मुझे बुलाया शेरां वालीए ।
मैं आया मैं आया शेरां वालीए ।
जोतां वालीए, पहाड़ां वालीए, मेहरां वालीए ॥
सारा जग है इक बन्जारा,
सबकी मञ्जिल तेरा द्वारा ।
ऊँचे पर्वत लम्बा रास्ता,
फिर भी रह न पाया शेरां वालीए॥
सूने मन में जल गई बाती,
तेरे पथ पे मिल गए साथी ।
मुँह खोलूं क्या तुझसे मांगू,
बिन मांगे सब पाया शेरां वालीए ॥
कौन है राजा कौन भिखारी,
एक बराबर तेरे सारे पुजारी।
तूने सबको दर्शन देके,
अपने गले लगाया शेरां वालीए ॥
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