Triloki Ro Nath Jaat Ghar Bhajan Lyrics त्रिलोकी रो नाथ जाट घर भजन

त्रिलोकी रो नाथ जाट घर....

स्थाई: काँहि जाणूं लीला श्याम री, अजब निराली रे

त्रिलोकी रो नाथ जाट घर, बण ग्यो हाळी रे


सौ बीघा रो खेत जाट रो, राम भरोसे खेती रे।

आधे में तो गैंहू चणा, आधा में धाणा मेथी रे

खेत जाट रे बिना बाड़ रो, राम रूखाळी रे


बाजरा री रोटी जीमे, ऊपर घी रो लचको रे

पालक री तरकारी सागे, भरे मूली रे बटको रे

छाछ राबड़ी रो करे कलेवो, भर-भर थाळी रे


सुख सूं सोवे जाट जाटणी, सोवे छोरा छोरी रे

आप सांवरियो खड़ो पहरा में, कैयाँ होवे चोरी रे

आवे चोर जद चक्कर काटे, जावे खाली रे


भूरी भैंस चमकणो पाडो, दो छाळी दो नार्या रे

बिना बाड़ रो खेत जाट रे, बांधे न्यारा-न्यारा रे

आवे चोर जद ऊभो दीखे, देखे गाळी रे


सोहनलाल लौहाकर गावे, हरी भजनां में आवे रे

धाबळिये री ओट बैठ ने, श्याम खींचड़ो खावे रे

भगतां रे संग नाचे गावे, दे दे ताळी रे

                        ✽✽✽✽✽                        

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