Inh Jogida Ne Math Kaho Nyaro Bhajan Lyrics इण जोगीड़ा ने मत कहो न्यारो

इण जोगीड़ा ने मत कहो न्यारो.....


स्थाई: मत कहो न्यारो-न्यारो ,
इण जोगीड़ा ने ।
मत कहो न्यारो-न्यारो, हो जी ॥

न्यारो कहो तो मिळसी नहीं रे, 
जोगी आधार तिहारो।
उण जोगी बिना कछु नहीं रे, 
जोगी जगत उजियारो ॥

जोगी कुंआरो जोगण कुंआरी, 
कभी ना करत व्यभिचारो ।
भेळा रहे और भिड़ता नहीं, 
जोगी बड़ो छन्दगारो ॥

जो जोगी ने देखे ना जोगण, 
चैन न पावे लिगारो ।
एक पलक भर बिसरे नाँहि, 
दोनों में प्रेम अपारो ॥

जोगण जोगी में प्रेम अखण्डित, 
कबहुँ न टूटे तारो ।
जो यह प्रेम खण्डित होय जावे तो, 
खेल बिखर जावे सारो ॥

जो जोगी ने देखणो चावे, 
मन योग चित्त धारो ।
योग जुड्यां बिना जोगी न मिळसी,
मिटसी न भरम अंधारो ॥

देवनाथ गुरु योगी ने रे, 
पकड्यो हाथ हमारो ।
मानसिंह जद जोगी ने मिळ ग्यो, 
जोगी रूप जग सारो ॥
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