सन्तों ! सुरगां सूं आ ग्यो रे..... (धुन: दलाली हीरा लालन की)
स्थाईः
सन्तों! स्वर्गा सूं आ ग्यो रे संदेश,
बुलावो
आ ग्यो राम को।
हो
बुलावो आ ग्यो राम को,
हाँ
बुलावो आ ग्यो राम को॥
एक
मिनट प्रभु म्हाने द्यो तो,
करां
बेटा से बात।
डिबले
माँहि गहणा राखां,
आपस
में लेवो जी थे बाँट॥
एक
मिनट प्रभु म्हाने द्यो तो,
करां
बहुआं से बात।
म्हें
तो घर ने बांध के राख्यो,
थे
अब संभाळो परिवार॥
एक
मिनट प्रभु म्हाने द्यो तो,
करां
बेटी से बात।
मायरे
की मन में रहगी,
बीरा
भरेगा थारा भात॥
एक
मिनट प्रभु म्हाने द्यो तो,
करां
पोता से बात।
दादीजी
तो सुरगां चाली,
कुण
करेगो थारा लाड॥
एक
मिनट प्रभु म्हाने द्यो तो,
करां
पति से बात।
रोळी
मोळी चावल लेकर,
मोत्यां से भर द्यो म्हारी मांग॥
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