Abto Sara Dukh Bhulagi Mahari Heli Bhajan Lyrics अब तो सारा दुख भूलगी म्हारी हेली भजन

अब तो सारा दुख भूलगी म्हारी हेली..... 

स्थाई:- अब तो सारा दुख भूलगी म्हारी हेली, राम रतन धन पाय।।

पतिव्रता पीहर बसे म्हारी हेली, हिरदे पियाजी रा ध्यान। 
आठ पहर लिव लाग रही म्हारी हेली, समझ समझ हर्षाय।।

और सखी पीली भई म्हारी हेली, तू क्यूँ भई रंग लाल। 
अविनाशी री सेज में म्हारी हेली, पोढ़त हो गई निहाल।।

अविनाशी री सेज रा म्हारी हेली, कहो कैसा उन्मान। 
केवण सुणन में है नहीं म्हारी हेली, ज्यां पहुँचा परिमाण।।

नार कहावे पीव री म्हारी हेली, भीतर परदा दोय। 
नैण मिलावे और से म्हारी हेली, प्रीतम राजी न होय।।

मिली सुहागण अपणे पीव से म्हारी हेली, तन मन कीना वेश। 
केवे कबीरसा धर्मीदास ने म्हारी हेली, पहुँच्या दीवाने देश।।
                                        ✽✽✽✽✽

यह भजन भी देखे 

Jugh Maahi Guru Samaan Nahi Bhajan Lyrics जुग माँहि, गुरु सम्मान नहीं

kelasho Re Mae Re कैलाशो रे माँय रे

Rani Dawa Haath Me Bhajan Lyrics राणी डावा हाथ में दिवलो

Sambhalo Ni Sayal Ramdevji साम्भलो नी सायल रामदेवजी

Deshadlo Rang Rudo Bhajan Lyrics देशड़लो रंग रूड़ो

CLOSE ADS
CLOSE ADS

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ