महाराज देवरे रंग लागो (धुन:- खेतेश्वर खेड़ा में जनमिया)
स्थाई:- शुभ घड़ी ने वार आठम रो, आज पीरा रो दिन आछो।
नम रा तो नेजा रोपिया, दशम रो जम्मो जागो,
महाराज देवरे रंग लागो।।
दूर देश रा आवे जातरू , अब मेलो भरवा लागो।
लीले घोड़े कर असवारी, आप धणी फिरवा लागो।।
धिरत मिठाई चढ़े चूरमो, नरेला रो ढिग लागो।
सोहन छत्र चढ़े सर ऊपर, रूपियाँ कलश भरवा लागो।।
आंधियाँ ने बाबो देवे आँखिया, कोढ़ियाँ कलंक झड़वा लागो।
बांझियाँ ने बाबा पुत्र दिरावे, अब परचो पड़वा लागो।।
घणा दिनां री नींद बापजी, ऊंड़ी नींद सूता जागो।
जाट रूप जी भजे राम ने, कर दर्शण पायें लागो।।
✽✽✽✽✽
स्थाई:- शुभ घड़ी ने वार आठम रो, आज पीरा रो दिन आछो।
नम रा तो नेजा रोपिया, दशम रो जम्मो जागो,
महाराज देवरे रंग लागो।।
दूर देश रा आवे जातरू , अब मेलो भरवा लागो।
लीले घोड़े कर असवारी, आप धणी फिरवा लागो।।
धिरत मिठाई चढ़े चूरमो, नरेला रो ढिग लागो।
सोहन छत्र चढ़े सर ऊपर, रूपियाँ कलश भरवा लागो।।
आंधियाँ ने बाबो देवे आँखिया, कोढ़ियाँ कलंक झड़वा लागो।
बांझियाँ ने बाबा पुत्र दिरावे, अब परचो पड़वा लागो।।
घणा दिनां री नींद बापजी, ऊंड़ी नींद सूता जागो।
जाट रूप जी भजे राम ने, कर दर्शण पायें लागो।।
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