भादरवा री बीज, बाबा
स्थाई:- भादरवा री बीज बाबा, आज थांने आणो है।
म्हाने दरश दिखाणो है, भादरवा री बीज।
गाँव रूणीचा में, दरबार है थांरो, दयालु आपरो।
सेवा में थांरी, सगळा खड़ा दीखे, हुकम बस आपरो।
चरणां में थांरी, म्हाने आज बिछ जाणो है।।
मालवो ध्यावे, गुजरात भी ध्यावे, ध्यावे थांने राजवी।
नाम सूं थारे, सब रोग कट जावे, आ महिमा आपरी।
दुखड़ा मेटण हार, बाबा नाम थांरो साँचो है।।
कष्ट हर लीजो, भण्डार भर दीजो, अरज सा दास री।
आसरो दीजो, भव पार कर दीजो, भंवर में नावड़ी।
आज चरणा में, बाबा अशोक थांरे आयो है।।
✽✽✽✽✽
यह भजन भी देखे
0 टिप्पणियाँ