चरखा रो भेद बता दे
स्थाई:- चरखा रो भेद बता दे रे, कातण वाली नार।
कातण वाली नार सुंदरी, कातण वाली नार।।
वन जायो वन ऊपन्यो रे, वन में कीनो वास।
एक अचम्भो ऐड़ो देख्यो, बेटी जायो बाप।।
बेटी केवे बाप ने रे, अणजायो वर लाव।
अणजायो वर ना मिळे तो, थारो म्हारो ब्याव।।
देराणी घर मांडो रचियो, जेठाणी घर ब्याव।
देवरिया रे ब्याव में रे, नणदल फेरा खाय।।
सासु मरजो सुसरो मरजो, परण्योड़ो मर जाय।
मत मरजो खाती रो बेटो, ओ चरखो दियो बणाय।।
चरखो म्हारो राय रंगीलो, पूणी लाल गुलाल।
कातण वाली नार सुंदरी, लुळ लुळ काते तार।।
चरखो चरखो सब कहे रे, चरखो लखियो न जाय।
चरखो लखियो दास कबीरे, आवागमन मिट जाय।।
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