Duniya Paiso Ki Pujari Bhajan Lyrics दुनियाँ पैसों की पुजारी

दुनियाँ पैसों की पुजारी 

दोहा:- टका धर्मम टका कर्मम, टका हि परमं पदम्। 
यस्य गृहे टका नास्ति, टक टकं टक टकायते।।

स्थाई:- दुनियाँ पैसों की पुजारी, पूजा करते नर और नारी। 
जग में पाप कमाते भारी, माया पैसो की, माया पैसों की।

पैसा माँ बाप को प्यारा, नहीं तो बीटा लगता खारा। 
कहते हैं ये तो आवारा, माया पैसो की, माया पैसों की।

पैसा पास तो पत्नी राजी, नहीं तो ताना भारी देती। 
मैं तो मायके में खुश रहती, माया पैसो की, माया पैसों की।

पैसा देश विदेश घुमावे, नहीं तो गलियों में गोता खावे। 
उसको पागल कह बतलावे, माया पैसो की, माया पैसों की।

पैसा बूढ़ों की शादी करावे, पैसा ही कन्या बिकवावे। 
नहीं तो कंवारा रह जावे, माया पैसो की, माया पैसों की।

पैसा धरम तीरथ करावे, पैसा पूजा पाठ करावे। 
नहीं तो पापी कह बतलावे, माया पैसो की, माया पैसों की।
                              ✽✽✽✽✽   

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