Gurosa Mhaane Olu Aap Ri Aawe Bhajan गुरोसा म्हाने ओलु आप री आवे


गुरोसा म्हाने ओलु आप री आवे.........

स्थाई : लागी लगन म्हारे पियुजी मिलण री, कोमण काग उड़ावे। 
कुटुम्ब कबीलो म्हने दाये नहीं आवे, आप मिलिया ती दुःख जावे,
गुरोसा म्हाने, ओलु आप री आवे।।

दिन नहीं चैन रात नहीं निंदरा, दोनों दुबदिया जावे,
गुरोसा म्हाने, ओलु आप री आवे।।

गुरूजी बिना म्हाने घडी नी आवडे, नेणो में नीर नी समावे। 
जल बिन मछियाँ किसविध जीवे, तड़फ-तड़फ मर जावे,
गुरोसा म्हाने, ओलु आप री आवे।।



गुरूजी बिना म्हारी काया कलमीजे, अन पाणी नहीं भावें। 
गल गया हाड़ माँस और चमड़ी, प्राण पिंजरियाँ सू जावे,
गुरोसा म्हाने, ओलु आप री आवे।।

आठो पोहर गुरु री लिव लागी, और कुणे नहीं सुहावे। 
लगी आग कालजा में धूणी, केहणी केणां में नहीं आवे,
गुरोसा म्हाने, ओलु आप री आवे।।

अब मेरे नाथ दया करो पूरी, क्यूं सीयो ने गवावे। 
कहे जोरदास पिऊ बिना पल नहीं, किस विध प्राण बचावे,
गुरोसा म्हाने, ओलु आप री आवे।।
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