Bhagti Ra Marag Jhina Bhajan Lyrics भगती रा मारग झीणा भजन लिरिक्स

भगती रा मारग झीणा 

दोहा:- केवे कमालि कबीर सा री चेली, समझ पकड़ ले मन सुआ। 
घणा भगत आगे आया, घणा भगत आय-आय मुंआ।

स्थाई:- भगती रा मारग झीणा रे सन्तों, भगती रा मारग झीणा। 
थोड़ी समझ पकड़ मन सुआ, कमालि केवे भगती रा मारग झीणा।। 

एक नर बोमण दो नर बोमण, बोमण घणा-घणा हुआ। 
वेद पुराण री खबर नी जोणी, टिपणा वाच वाच मुंआ।
कमालि केवे भगती रा मारग झीणा।। 

एक नर मुस्लिम दो नर मुस्लिम, मुस्लिम घणा-घणा हुआ।
अल्लाह खुदा री खबर नी जोणी, गोड़ा घस-घस मुंआ।
कमालि केवे भगती रा मारग झीणा।। 

एक नर नाई दो नर नाई, नाई घणा-घणा हुआ।
सेन भगत री खबर नी जोणी,मोड़ा कर-कर मुंआ। 
कमालि केवे भगती रा मारग झीणा।। 

एक नर बाणियो दो नर बाणियो, बाणिया घणा-घणा हुआ।
पाशर्वनाथ री खबर नी जोणी,मुंडा बांध-बांध मुंआ। 
कमालि केवे भगती रा मारग झीणा। 

एक नर माली दो नर मालीमाली घणा-घणा हुआ।
संत लिखमो जी री खबर नी जोणी, कांदा बेच ने मुंआ।
कमालि केवे भगती रा मारग झीणा।। 

एक नर दर्जी दो नर दर्जीदर्जी घणा-घणा हुआ।
छीपा पीपा री खबर नी जोणी, कपड़ा काट-काट मुंआ।
कमालि केवे भगती रा मारग झीणा।। 

एक नर रेगर दो नर रेगररेगर घणा-घणा हुआ।
रविदास जी री खबर नी जोणी, खालड़ो काट-काट मुंआ।
कमालि केवे भगती रा मारग झीणा।। 

केवे कमालि कबीर सा री चेली, साँचा संत वे हुआ। 
राम नाम री डोरी पकड़ी, हरी भजन री डोरी पकड़ी,
पछे आवागमन नहीं हुआ,
कमालि केवे भगती रा मारग झीणा।। 
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