शिव ओम शिव ॐ, धाम तिहारे
स्थाई:- शिव ओम शिव ओम, धाम तिहारे आया रे।
आड़ावाल परशुराम, मुझे अपना दर्श दिखा दो रे।
शिव ओम शिव ओम, धाम तिहारे आया रे।।
चंदन का तूने तिलक लगाया, गले में काला नाग सजाया।
दूर से देखा तो पर्वत खड़ा था, उसमे मेरा भोले बाबा था।।
बद्री भी देखा, केदार भी देखा, परशुराम ना देखा, क्या तूने देखा।
दूर से देखा तो भंवर पड़ा था, उसमे मेरा भोले बाबा था।।
तू है ब्रह्मा, तू है विष्णु, तू है देवो का महादेव।
तूने सबकी बिगड़ी बनाई, मेरी भी बिगड़ी बना दो ओ बाबा।।
तेरी गुफा में भक्तों ने भोले, लम्बी लम्बी भीड़ लगाई।
प्रेम से सबको दर्शन देना, प्यार से सबको आशीष देना।।
सावन को तूने स्वर्ग बनाया, सूखे चमन में हरियाली लाया।
तेरे मेले की महिमा है न्यारी, हम है भोले तेरे पुजारी।।
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