सूता रे वो तो जागो नींद सू.........
दोहा:- भादूडा
री दूज रो, जद चन्दो
करे प्रकाश।
रामदेव बण आवसूं , राखीजो विश्वास।।
रामदेव बण आवसूं , राखीजो विश्वास।।
स्थाई :- सूता रे वो तो जागो नींद सूं ,
बाबो थोरे घर आया
ओ।
कलियुग रो अवतारी बाबो,
कलियुग रो अवतारी बाबो,
असली रूप
बणाया ओ।
सूता रे
वो तो जागो नींद सूं।।
रूणिचा में धाम आपरो,
ज्यां री लीला न्यारी ओ।
मंदिरिया में बैठा बापजी,
लीले री
असवारी ओ।
सूता रे वो तो जागो नींद
सूं।।
ढोल नगारा नौबत बाजे,
झालर री झणकारा ओ।
आरतियाँ री सोभा प्यारी,
झाँकी वरणी ना जावे ओ।
सूता रे वो तो जागो नींद
सूं।।
भादरवा में मेलो लागे,
गाँव
रूणीचा माँहि ओ।
दर्शन करवा दूर-दूर सूं,
आवे नर
ने नारी ओ।
सूता रे वो तो जागो नींद
सूं।।
भक्त मंडल री अरज विनती,
दुखड़ा सब
रा काटो ओ।
साँचा मन सूं सेवा करजो,
भाग
जगावेला थांरा ओ।
सूता रे वो तो जागो नींद सूं।।
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