जय
धरती माँ जय गौ माता
जय धरती
माँ जय गौ माता ,
गूंज रहा
हे मंत्र महान ,
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण।।२
जय धरती
माँ जय गौ माता।।२
गौ की
सेवा स्वयं प्रभु भी ,
कर के
कहलाए गोपाल
गौ की
सेवा स्वयं प्रभु भी ,
कर के
कहलाए गोपाल
हल को
धारे चले तपस्वी ,
युग -
युग से धरती के लाल ,
माँ
सृस्टि से पावन नाता ,
आनंदित
करते रसपान ,
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण।।२
गौमय धरती ही
देती हे ,
अमृत मय
फसले भरपूर ,
गौमय धरती ही
देती हे ,
अमृत मय
फसले भरपूर ,
पंचगव्य
की महिमा अनुपम ,
रोग
प्रदुषण होते दूर ,
परम
सात्विक ऊर्जा शक्ति ,
अविरत
देता गौ विज्ञानं ,
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण
जय धरती
माँ जय गौ माता।।२
गौ
आधारित विकास रचना ,
गांव -
गांव में विकसाये ,
गौ
आधारित विकास रचना ,
गांव -
गांव में विकसाये ,
लघु उधोग
कृषि जैविक से ,
हर्षित
जीवन सरसाये,
भारत फिर
से प्राप्त करेगा ,
गौरवमय
उन्नत स्थान ,
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण
जय धरती
माँ जय गौ माता।।२
गौ
सरक्षण गौ सवर्धन ,
हे अनूप
कर्त्तव्य पुनीत ,
गौ
सरक्षण गौ सवर्धन ,
हे अनूप
कर्त्तव्य पुनीत ,
अभय धाम
हो अभय ग्राम हो ,
सभी के
मन में गौ की प्रीत ,
कोटि -
कोटि जीवन व्रत धारे ,
पूर्ण
सफल हो सुभ अभियान ,
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण
जय धरती
माँ जय गौ माता।।२
जय धरती
माँ जय गौ माता ,
गूंज रहा
हे मंत्र महान ,
सुखद सु
मंगल ,
विश्व
कामना ,
जिव मातृ
का हो कल्याण।।२
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