दोहा:- बाबे रो घोड़लियो घूमे, गाँव रूणिचा माँय।
जो
घोड़े रा दर्शन करले, दुखड़ा
सब मिट जाय।।
स्थाई :- घोड़लियो घूमे बाबे रो, म्हारे धोरा वाले देश, घूमे घोड़लियो।
धोरां
वाले देश ओ तो, बाबा
वाले देश, घूमे
घोड़लियो।।
नीलो घोड़ो नवलखियो ज्यां रे, मोत्यां जड़ी लगाम जी।
घोड़े बैठो राम धणी म्हारो सेठ सांवरियो, घूमे घोड़लियो।।
परचा माथे परचा देखो, आखी दुनियाँ पावे रे।
भक्तां रो जीवन रेवे सुख सूं भरियो, घूमे घोड़लियो।।
इक हेले में राम धणी, भक्तों रे सामी आवे रे।
चढ़ लीले असवार धजाबंद आवे सांवरियो, घूमे घोड़लियो।।
✽✽✽✽✽
यह भजन भी देखे
0 टिप्पणियाँ