म्हारो हीरो गमा दियो कचरा में.....
स्थाई: म्हारो हीरो गमा दियो कचरा में,
म्हारो हीरो गमा दियो कचरा में।
पाँच पचीसों रा झगड़ा में,
म्हारो हीरो गमा दियो कचरा में ॥
अगम बतावे कोई पिछम बतावे रे,
कोई बतावे पाणी पतरा में ॥
तीरथ बतावे कोई व्रत बतावे रे,
कोई बतावे माळा जपणा में ॥
ऋषि मुनि और पीर अवलिया रे,
काया गमा दी इण नखरा में ॥
जोगी होय जुगत नहीं जाणे रे,
जैसे अगनी लकड़ा में ॥
धर्मीदास जी ने हीरो लादो रे,
जाय धर दियो हंसला में ॥
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