Satguru Mhari Naav Bhajan Lyrics भरोसे थारे चाले ओ

 भरोसे थारे चाले ओ..... 


दोहा गुरु देवन के देव हो,आप बड़े जगदीश। 
बेडी भवजल बिच में गुरु तारो विस्वाविश।।

स्थाई : भरोसे थारे चाले ओ ,सतगुरु मारी नाव। 
सतगुरु म्हारी नाव बापजी ,धिनगुरु म्हारी नाव।।

नहीं हे मारे कुटुम कबीलो नहीं म्हारे परिवार। 
आप बिना दूजो नहीं दिखे ,जग में पालनहार।।

भवसागर ऊंडो घणो ने ,तिरु न उतरू पार। 
निगे करू तो निजर नी आवेभवसागर रे धार ।।

सतगुरु रूपी जहाज बणा लो इण विध उतरो पार। 
सुरत जाजडी ज्ञान बांसलो ,खेवट सिरजनहार।।

कहे कबीर सुणो भाई साधो !बह जातो मजधार। 
रामानंद मिल्या गुरु पूरा ,बेडा कर दिया पार।।
                           ✽✽✽✽✽

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