बोले तन्दुरा रा तार.....
स्थाई:- बोले तन्दुरा रा तार, जय हो रामा राजकँवार।
रामा राजकँवार धणियाँ, कलजुग रा अवतार।
बोले तन्दुरा रा तार, जय हो रामा राजकँवार।।
नाथ द्वारिकाधीश धाम सूं धरती धोरा माँहि आया।
रणसी जी रा पोता अजमलजी रा लाल कहाया।
माता मेणा दे हिण्डो हिण्डावे, गावे मंगलाचार।
बोले तन्दुरा रा तार, जय हो रामा राजकँवार।।
बण्यो देवरो रामदेवरे, धिन थारी ठकुराई।
चार खूंट और चवदा भवन में, साँची जोत जगाई।
पल-पल परचा देवण वालो, साँचो है दरबार।।
बोले तन्दुरा रा तार, जय हो रामा राजकँवार।।
कसूंबल पाग केसरिया जामो, तुर्रा किलंगी धारी।
दिव्य रूप दर्शण पर जावे, गोपालो बलिहारी।
हर्ष रयो भगतां रो संगम, घणी करे मनुहार।
बोले तन्दुरा रा तार, जय हो रामा राजकँवार।।
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