Fakiri Laga Nahi Shabdo Raa Teer Bhajan Lyrics फकीरी, लागा नहीं शब्दों रा तीर

फकीरी, लागा नहीं शब्दों रा तीर..... 

दोहा:- अलख भरोसे ऊकले, आधण ईशरदास। 
ऊकळ्या में ओरसी, कोई बड़ो भगत विश्वास।।
 
स्थाई:- जिण रे बाण लागा गुरुगम रा, मार लियो मन मीर,
फकीरी, लागा नहीं शब्दों रा तीर।।
 
आठों ही पोहर दुनियाँ ने लूटे, सुख भोगे शरीर। 
आठों ही पहर माया में हारे, बण बैठो पाँचो पीर,
फकीरी, लागा नहीं शब्दों रा तीर।।
 
भगवाँ रंगिया ने मन नहीं रंगिया रे, छूट रयो सब सीर। 
घर त्याग बहु घर झेल्या, नहीं बुद्धि नहीं धीर,
फकीरी, लागा नहीं शब्दों रा तीर।।
 
भीतर में रे भरम रा कीड़ा रे, बाहर होयो फ़क़ीर। 
तो हाल फकीरों रा झूठा, संतो कर दो झीर,
फकीरी, लागा नहीं शब्दों रा तीर।।
 
धन सुखराम मिल्या गुरु पूरा , जोगी मस्त फकीर। 
मस्त दीवाना ज्यां रे लोग नहीं बाना, ईशर रहत सधीर,
फकीरी, लागा नहीं शब्दों रा तीर।।
                         ✽✽✽✽✽
 

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