Karna Hey To Koi Punya Bhajan Lyrics करना है तो कोई पुण्य कर्म कर भजन लिरिक्स

करना है तो कोई पुण्य कर्म कर...... 

दोहा:- राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट। 
अंत काल पछताओगे, जद प्राण जाएँगे छूट।।

स्थाई:- करना है तो कोई पुण्य कर्म कर, लेना है तो ज्ञान ले। 
बोलना है तो बोल ले सत्य, देना है तो दान,
करना है तो कोई पुण्य कर्म कर। 

माया समेटे काहे, गुण ना सम्भाले तू। 
दया धर्म ना करता, दुखियों को टाले तू , ओ नादां रे.... 
बिन दया के ना भविष्य, ना ही वर्तमान। 
करना है तो कोई पुण्य कर्म कर। 

मन में तो मेल है तेरे, गंगा नहाये क्या। 
मात पिता को न पूछे, काशी को जाए क्या, ओ नादां रे.... 
मात पिता बिन मोक्ष मिले ना, ना ही भगवान।।
करना है तो कोई पुण्य कर्म कर। 

मदिरा को त्याग दे तू , पीना है क्रोध पी। 
जीवन में काम आएगा, भक्ति और प्रेम ही, ओ नादां रे.... 
कभी भूल कर भी बन्दे, ना कर अभिमान।।
करना है तो कोई पुण्य कर्म कर। 

जाना है तुझको एक दिन, झूठे संसार से। 
जीत ले सबके मन को तू, अच्छे व्यवहार से, ओ नादां रे.... 
बड़ा हो या छोटा किसी का, ना कर अपमान।।
करना है तो कोई पुण्य कर्म कर। 
                       ✽✽✽✽✽ 

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