Chadariya Jhini Re Jhini Bhajan Lyrics चदरिया झीनी रे झीनी भजन

चदरिया झीनी रे झीनी.....

स्थाई:- चदरिया झीनी रे झीनी, चदरिया झीनी रे झीनी। 
राम नाम रस भीनी चदरिया, झीनी रे झीनी।।

अष्ट कमल का चरखा बनाया, पाँच तत्व की पूनी। 
नौ दस मास बुनन को लागे, मूरख मैली कीनी
चदरिया, झीनी रे झीनी।।

जब मोरी चादर बन घर आई, रंगरेज को दीनी। 
ऐसा रंग रंगा रंगरेज ने, लालो लाल कर दीनी 
चदरिया, झीनी रे झीनी।।

चादर ओढ़ शंका मत करियो, ये दो दिन तुमको दीनी। 
मूरख लोग भेद नहीं जाने, दिन दिन मैली कीनी 
चदरिया, झीनी रे झीनी।।

ध्रुव प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी, शुकदेव ने निर्मल कीनी। 
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी, ज्यों की त्यों धर दीनी 
चदरिया, झीनी रे झीनी।।
                                      ✽✽✽✽✽

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