अब सुध लीजे म्हारी.....
दोहा:- देवो में देवी बड़ी, बड़ी जगदम्बे माँय।
हाथ जोड़ विनती करुँ, कीजो म्हारी स्याय
जय माता ज्वालामुखी, जय जय जगत करे।
वर दे अपने भक्त को, माँ तुमसे काज सरी।।
स्थाई:- अब सुध लीजे म्हारी मात भवानी,
किरपा कीजो ए।
अब सुध लीजो ए।।
प्रथम तो अष्ट अंग्या देवी माँ,
रही शिव घर शिवराणी ए।
तेरी माया सब जुग छाया, वेद वखाणी ए।।
नागौर में नागणेच्या केवाई, ओसियां माँ सचियाई ए।
जोधाणे चामुण्डा केवाई, बिलाडे आई ए।।
हाथ जोड़ ने अरज करुँ मैं, अरजी म्हारी सुणजो ए।
बीकाजी रो वंश वधायो, सब जुग जाणी ए।।
आगे भगत अनेक उबार्या, अबके बारी हमारी ए।
केवे हजारी भव सिन्धु भारी, पार उतारी ए ।।
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