Mhari Hundi Swikaro Maharaj Bhajan Lyrics म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज

म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज..... 


स्थाई:- म्हारी हुण्डी स्वीकारो महाराज, सांवरा गिरधारी।।

पूंजी तो म्हारे गोपी चन्दन, तुलसी गले रो हार। 
साँचो गेहणो म्हारो सांवरो, आ दौलत जींजा खरताल रे सांवरा गिरधारी।।

रोणे राड़ बधावियो, मीरों वाणगी महाराज। 
जहर घोळकर मोकळियो, जाने सिरजनहार रे सांवरा गिरधारी।।

साढ़ा त्रण सौ केरड़ा, जूनागढ़ रे माँय। 
म्हाने नी दियो नेतरो, ओ न्याति दियो ततकार रे सांवरा गिरधारी।।



गाम तो द्वारापुरी है, सांवलसा जिणरो नाम। 
हुण्डी लीजो हरि हाथ में, पछे करजो थे लारलो काम रे सांवरा गिरधारी।।

साधु जन पहुँच्या द्वारका, पूछण लागा नोम। 
अळी गळी में म्हें फिरिया, म्हाने कोई नी बतायो धाम रे सांवरा गिरधारी।।

ना मैं मोटो मेहनती, नाँहि नगर नो सेठ। 
नरसी महता री वीणती, तमारो भजन करुँ दिन रात  रे सांवरा गिरधारी।।
                                        ✪✪✪✪✪
     

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